बाङमेर
हम आज आप हम देख रहे है प्रवासी जो भी व्यक्ति आने वाला 80% लोग नही करते क्वारंटाइन पिरीयड का पालन, हमने देखा बाहर से आने वाले प्रवासी ख़तरे डालेगा निगेटिव क्षेत्रो को भी, क्योंकि हमने कुछ उदाहरण देखे पहले कुछ बाहर आने उन्हे सरकार ने पाबंद कर रखा है, लेकिन फीर भी धुल झोक देते है प्रशासन की आखों मे, लेकिन सरकार ने कुछ शर्तो पर क्वारंटाइन उपयोग करने कहा है सलाह भी देते है, लेकिन वे फिर नजर अंदाज कर दूसरों कि जींदगी को खतरे डालते है, लेकिन बे धङक बे वजह बाहर आस पङोसी एव बाजारो चोहटो मे घुमगे तो वायरस की चेन तेजी से बढेगी,
या परिवार घर नजदीक आसपास क्वारंटाइन उपयोग करेगा तो बङे परिवार सदस्य तो समझदार होते है, वे इनका सख्ती से पालन करेगे, ओर नजदीक नही जाएगे या फिर कोई टच या सम्पर्क से दूर रहने कोशिश करेगे, लेकिन इनके छोटे छोटे बाल बच्चे भाई अन्य परिवार के बच्चे वो सम्पर्क जरूर आएंगे, क्योंकि वे नादान ना समझ बच्चे है, इनको क्या पता इस तरह वायरस है ओर इतना खतरनाक भी है, फिर रिश्ते मे उनके पापा या चाचा मामा होने कारण रह भी नही पाएंगे, ओर सम्पर्क जरूर आएगे, ओर परिवार सदस्य ख्याल ध्यान भी रखेगे तो कब तक बच्चो पर कङी नजर रख पाएंगे, अगर क्योंकि घर मे रहकर क्या चौदह दिन क्या कोई रख पाएगा, क्योंकि ज्यादातर बाङमेर क्षेत्र कृषि क्षेत्र है, अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों के किसान खेती के कामो लगे है, इसलिए इन प्रवासीयो का क्वारंटाइन परिवार से दूरी पर रखना चाहिए, सरकारी स्कुल आवास का उपयोग लेना बहुत आवश्यक है क्योंकि परिवार सम्पर्क दुर रख
सके, तो ही सख्ती से पालन होगा अथवा आस भी पाङोशी कहेगा तो फिर भला बुरा मानेगे, कि यह मेरे घर नहीं आए, या फिर पङोसी भी घर आएगे तो वह हमारे प्रवासी से सम्पर्क मे आकर आएंगे, जब तक बहुत कुछ देर हो चुकी होगी ओर कही लोगो को गिरफ्त मे ले चुका होगा, इसलिए इस तरह सख्ती सरकार ने नियमों के प्रति कार्य ध्यान नही दिया गया तो आने वाले समय राजस्थान मे सबसे ज्यादा तेजी से इसका भंयानक ग्राफ बढ़ेगा,
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